वीडियो जानकारी:<br /><br />शब्दयोग सत्संग<br />१२ अक्टूबर २०१४<br />अद्वैत बोधस्थल, नॉएडा<br /><br />दोहा:<br />काहू से नहि राखिये, काहू विधि की चाह।<br />परम संतोषी हूजिये, रहिये बेपरवाह || (संत चरणदास)<br /><br />प्रसंग:<br />मुक्ति की चाह क्यों नहीं पूरी हो पाती?<br />मुक्ति कैसे पायें?<br />क्या इस कलयुग में मुक्ति संभव है?